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प्रेम की भावना से ओतप्रोत जब कोई प्रेमी अपनी प्रेम

प्रेम की भावना से ओतप्रोत जब कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका के गुलाबी गालों, मूंगा के सामान होठों को और तारों के समान चमकीली आंखों में अपने प्रेम की तलाश करता है और प्रेमी को जब अपनी प्रेमिका की आंखों में अपना वो प्रेम नहीं दिखता तो वह पूरी तरह से व्याकुल हो उठता है और उसके लिए प्रेम और प्रेम की परिभाषा ही बदल जाती हैं।। #प्रेम करो , पर सोच कर!
प्रेम की भावना से ओतप्रोत जब कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका के गुलाबी गालों, मूंगा के सामान होठों को और तारों के समान चमकीली आंखों में अपने प्रेम की तलाश करता है और प्रेमी को जब अपनी प्रेमिका की आंखों में अपना वो प्रेम नहीं दिखता तो वह पूरी तरह से व्याकुल हो उठता है और उसके लिए प्रेम और प्रेम की परिभाषा ही बदल जाती हैं।। #प्रेम करो , पर सोच कर!

#प्रेम करो , पर सोच कर!