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कुछ उदास चेहरों की मुस्कान बन जाना तुम अन्न के लिए

कुछ उदास चेहरों की मुस्कान बन जाना तुम
अन्न के लिए तरसे लोगों की दिवाली बन जाना तुम

जिसके पास भरपूर हो
उसे भले कोई उपहार न देना
दर पे आये भिक्षुक  को
बिल्कुल भी तिरस्कार न देना
आतिशबाजियों से भोकाल मचा दो
तुम खुशियों का बाजार लगा दो

 अंधेर हुए मकानों में दीपक जगमगा देना तुम
  गरीबों की देहलियो  की दिवाली बन जाना तुम

मिठाइयां न बाँट सको  तो कोई नहीं
किसी के पेट की भूख मिटाओ तुम
निराश बेसहारा लोगों के लिए
आशाओं के दीप बन जाओ तुम

  मानवता से किसी का विश्वास नहीं उठने देना तुम
गांव शहर के मजदूरों की दिवाली बन जाना तुम

बेशक लड़ियां लगाओ तुम अपने घर मे 
मगर किसी के घर की खुशी भी बन जाओ 
शॉपिंग करने मॉल कॉम्प्लेक्स जाओगे तो
 रेहड़ी वाले से भी मिट्टी के दिये खरीद कर जाओ

किसी बेबस लटके चेहरे को चमका देना तुम
 लाचार पिता के बच्चों की दिवाली बन जाना तुम

कुछ नादान ख्वाइशों को गला घोंटने से बचा जाना
चौराहे पर गुब्बारे बेचते बच्चे को खुशियां देते जाना
सबको इतना मिल जाये कि किसी का काश न शेष रहे
हर तरह के लोगों के लिए दीवाली का त्योहार विशेष रहे

बेजान पड़ी ख्वाइशों में जान भर जाना तुम
फुटपाथों पर बैठे लोगों की दिवाली बन जाना तुम

©Neelam Rawat #deepawali2020 

#Diwali  Alfaz_suru_💗 Shabdoka Ka Sagar 【 शब्दोंका सागर 】 Shikha Verma OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) deba shah
कुछ उदास चेहरों की मुस्कान बन जाना तुम
अन्न के लिए तरसे लोगों की दिवाली बन जाना तुम

जिसके पास भरपूर हो
उसे भले कोई उपहार न देना
दर पे आये भिक्षुक  को
बिल्कुल भी तिरस्कार न देना
आतिशबाजियों से भोकाल मचा दो
तुम खुशियों का बाजार लगा दो

 अंधेर हुए मकानों में दीपक जगमगा देना तुम
  गरीबों की देहलियो  की दिवाली बन जाना तुम

मिठाइयां न बाँट सको  तो कोई नहीं
किसी के पेट की भूख मिटाओ तुम
निराश बेसहारा लोगों के लिए
आशाओं के दीप बन जाओ तुम

  मानवता से किसी का विश्वास नहीं उठने देना तुम
गांव शहर के मजदूरों की दिवाली बन जाना तुम

बेशक लड़ियां लगाओ तुम अपने घर मे 
मगर किसी के घर की खुशी भी बन जाओ 
शॉपिंग करने मॉल कॉम्प्लेक्स जाओगे तो
 रेहड़ी वाले से भी मिट्टी के दिये खरीद कर जाओ

किसी बेबस लटके चेहरे को चमका देना तुम
 लाचार पिता के बच्चों की दिवाली बन जाना तुम

कुछ नादान ख्वाइशों को गला घोंटने से बचा जाना
चौराहे पर गुब्बारे बेचते बच्चे को खुशियां देते जाना
सबको इतना मिल जाये कि किसी का काश न शेष रहे
हर तरह के लोगों के लिए दीवाली का त्योहार विशेष रहे

बेजान पड़ी ख्वाइशों में जान भर जाना तुम
फुटपाथों पर बैठे लोगों की दिवाली बन जाना तुम

©Neelam Rawat #deepawali2020 

#Diwali  Alfaz_suru_💗 Shabdoka Ka Sagar 【 शब्दोंका सागर 】 Shikha Verma OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) deba shah
neelamrawat4334

Neelam Rawat

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