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#DearZindagi ज़िन्दगी हर मोड़ पर ठोकर खाया करती है

#DearZindagi ज़िन्दगी हर मोड़ पर ठोकर खाया करती है,
गिरकर संभलकर मंज़िल को जाया करती है .

क्या दिल और क्या दिमाग हर एक लहज़े में बदल जाया करती है,
कभी ख़ामोश तो कभी शोर मचाया करती है.

गैरों को अपना और अपनों को गैर बताया करती है,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी को झुठलाया करती है.

हर एक सांस में ज़िन्दगी गुज़र जाया करती है,
वक़्त के हाथों में ठहर जाया करती है.

इंतज़ार की राह में वक़्त जाया करती है,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी से पेश आया करती है.




©WriterRai #DearZindagi #lifepoetry #hindi #qoutes #wod #contest #time #life
#DearZindagi ज़िन्दगी हर मोड़ पर ठोकर खाया करती है,
गिरकर संभलकर मंज़िल को जाया करती है .

क्या दिल और क्या दिमाग हर एक लहज़े में बदल जाया करती है,
कभी ख़ामोश तो कभी शोर मचाया करती है.

गैरों को अपना और अपनों को गैर बताया करती है,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी को झुठलाया करती है.

हर एक सांस में ज़िन्दगी गुज़र जाया करती है,
वक़्त के हाथों में ठहर जाया करती है.

इंतज़ार की राह में वक़्त जाया करती है,
ज़िन्दगी ही ज़िन्दगी से पेश आया करती है.




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