“लॉकडाउन” आंगन की खिड़कियों में, नयन रहते एकतार । शीशे में जोहते शरीर के, अंग बार बार ।। केशव से प्रार्थना, नियत में बिनती ज्योतिवंत । क्षेम को पूजा, विलखते कर्म को साधु-सन्त ।। जीव इन दिनों बड़भागी, चिड़िया रहते मस्त । निमिष घूमे हाटि में, मनुष्य झटके पस्त ।। इकतार-एकटक, जोहते-देखते रहना, ज्योतिवंत- प्रकाशवान, क्षेम-सलामती, निमिष-पलभर, हाटि-बाजार में, #लॉकडाउन / #Lockdown. #hindi #Nojoto #poetry अधूरा ishq ✍भारती कुमारी सुलगते लफ़ज IG-:sulagte.lafj