पथरीले रास्तो पर जिनका इरादा डगमगा जाता है तलवार की धार पर वे ज़िन्दगी का इम्तिहां क्या देंगे मन हल्का करना आसान है यू मुझे भरोसा देकर जिन्हें फुर्सत नही खुद से, वे मेरी खातिर जान क्या देंगे खुद ही लिखना पड़ेगा मंजिल के पत्थर पर नाम मेरा जो सांझ होते ही लौट गए , वे मुझे पहचान क्या देंगे