तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे, मेरी हर बात के पीछे राज क्या थे चाहत थी मेरी हर सांस में तेरे लिए आंखो से आंसू जो बहे हर रात तेरे थे जितने भी लिए ख्वाब वो तेरे थे तुम सुनो तो सही मेरे जज़्बात आंखरी सांस में निकले अल्फ़ाज़ भी तेरे थे B+3218-8