तुम दिन को लिए जाओ,मगर रात छोड़ दो••• तुमसे नहीं निभेगा,मेरा साथ छोड़ दो••• मेरी कलाइयों पे चोट के निशान हैं••• अब हो सके अगर,तो मेरा हाथ छोड़ दो••• हर गुफ्तगू बहस में बदलने लगी है अब••• तुम प्यार,मुहब्बत,अदब की बात छोड़ दो अब••• अब साथ निभाने की वजह भी ना बची••• एक बात मान लो,मुझे आजाद छोड़ दो••• @copied