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Dear Afridi !!!! नज़र उठी जो ताज-ए-हिंद पे, सीने

Dear Afridi !!!!

नज़र उठी जो ताज-ए-हिंद पे, सीने मे शमशीर दे दें...
खैरात में नही मिली ये ज़मीन, जो हम कश्मीर दे दे...
लश्कर-ओ-लहू से सजाया है हमने सुन लो दुनिया वालों
ज़िद मे झूमते रांझे है हम , कहो कैसे अपनी हीर दे दे?
Dear Afridi !!!!

नज़र उठी जो ताज-ए-हिंद पे, सीने मे शमशीर दे दें...
खैरात में नही मिली ये ज़मीन, जो हम कश्मीर दे दे...
लश्कर-ओ-लहू से सजाया है हमने सुन लो दुनिया वालों
ज़िद मे झूमते रांझे है हम , कहो कैसे अपनी हीर दे दे?