नहीं चाहती दूरियां बनाना उनसे कोई शिकायत भी नहीं है दिल में है जख्म बहुत आजकल और उन्हें खबर भी नहीं है हम खाए हैं चोट अपनों से अब मुझे और भूख नहीं है मेरी यूं बेरुखी तुम समझ ना पाओगे शायद मुझे बुरी ,ना जाने कया कया कह जाओगे अरे ग़ालिब कहना उससे मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है