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बचपन और रूठना वो बचपन बढ़िया था, जब रूठते थे किसी स

बचपन और रूठना वो बचपन बढ़िया था,
जब रूठते थे किसी से,
कम-कम वो मना तो लेता था,
पोंछ के आंसू हमारी आँखो से,
हमको कस के गले से,
लगा तो लेता था, 
अब तो कोई पूछता तक नहीं,
के उदास क्यों बैठे हो,
वरना पहले तो कोई दुख,
है हमें हस्ते चेहरे मे,
भी पहचान लेता था... 

#Haibowaliya #nojotoludhiana #Haibowaliya
बचपन और रूठना वो बचपन बढ़िया था,
जब रूठते थे किसी से,
कम-कम वो मना तो लेता था,
पोंछ के आंसू हमारी आँखो से,
हमको कस के गले से,
लगा तो लेता था, 
अब तो कोई पूछता तक नहीं,
के उदास क्यों बैठे हो,
वरना पहले तो कोई दुख,
है हमें हस्ते चेहरे मे,
भी पहचान लेता था... 

#Haibowaliya #nojotoludhiana #Haibowaliya