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जगह मिलने पर पास देंगे।। हमने मलाई काटी है, तोहफा

जगह मिलने पर पास देंगे।।

हमने मलाई काटी है, तोहफा तुमको खास देंगे,
पीछे पीछे लगे रहो, जगह मिलने पर पास देंगे।

तुम मूर्खों की आदत ऐसी, सबने मूर्ख बनाया है,
पांच साल में एक बार तेरे सम्मुख भी घास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

कब वादे भी पूरे होते हैं, इतिहास गवाही देता है,
फिर आकर दर पर तेरे नया नया कोई आस देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

तेरी ख़ातिर कौन लड़ेगा, तुम तो एक सिपाही हो,
हाथों में झंडा और बैनर मन मे नया विश्वास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

तेरी मौत पे तांडव होता, रोटियां भी सेंकीं जाएंगी,
राजनीत की गर्मी तक कैसे ठंढी होने ये लाश देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

मैं मुआवजा रहा बांटता, तू अपनो को खोता जा,
नई नौकरी घर भी नया और बस रेल का पास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

तेरे घर जो बैठ मैं खाता, राजनीत का तकाजा है,
मेरे दर आ देख जरा तू, गाली और उपहास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

कोई दलित सवर्ण, कोई हिन्दू कोई मुस्लिम है,
लड़ते रहे तुम आपस मे, नेता तो अट्टहास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

देता दिखाई सब है, ऐन वक़्त पर दिखता नहीं,
जो आज बिके हो, जीवन भर भूख प्यास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

©रजनीश "स्वछंद" जगह मिलने पर पास देंगे।।

हमने मलाई काटी है, तोहफा तुमको खास देंगे,
पीछे पीछे लगे रहो, जगह मिलने पर पास देंगे।

तुम मूर्खों की आदत ऐसी, सबने मूर्ख बनाया है,
पांच साल में एक बार तेरे सम्मुख भी घास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

हमने मलाई काटी है, तोहफा तुमको खास देंगे,
पीछे पीछे लगे रहो, जगह मिलने पर पास देंगे।

तुम मूर्खों की आदत ऐसी, सबने मूर्ख बनाया है,
पांच साल में एक बार तेरे सम्मुख भी घास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

कब वादे भी पूरे होते हैं, इतिहास गवाही देता है,
फिर आकर दर पर तेरे नया नया कोई आस देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

तेरी ख़ातिर कौन लड़ेगा, तुम तो एक सिपाही हो,
हाथों में झंडा और बैनर मन मे नया विश्वास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

तेरी मौत पे तांडव होता, रोटियां भी सेंकीं जाएंगी,
राजनीत की गर्मी तक कैसे ठंढी होने ये लाश देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

मैं मुआवजा रहा बांटता, तू अपनो को खोता जा,
नई नौकरी घर भी नया और बस रेल का पास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

तेरे घर जो बैठ मैं खाता, राजनीत का तकाजा है,
मेरे दर आ देख जरा तू, गाली और उपहास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

कोई दलित सवर्ण, कोई हिन्दू कोई मुस्लिम है,
लड़ते रहे तुम आपस मे, नेता तो अट्टहास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

देता दिखाई सब है, ऐन वक़्त पर दिखता नहीं,
जो आज बिके हो, जीवन भर भूख प्यास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

©रजनीश "स्वछंद" जगह मिलने पर पास देंगे।।

हमने मलाई काटी है, तोहफा तुमको खास देंगे,
पीछे पीछे लगे रहो, जगह मिलने पर पास देंगे।

तुम मूर्खों की आदत ऐसी, सबने मूर्ख बनाया है,
पांच साल में एक बार तेरे सम्मुख भी घास देंगे।
जगह मिलने पर पास देंगे।।

जगह मिलने पर पास देंगे।। हमने मलाई काटी है, तोहफा तुमको खास देंगे, पीछे पीछे लगे रहो, जगह मिलने पर पास देंगे। तुम मूर्खों की आदत ऐसी, सबने मूर्ख बनाया है, पांच साल में एक बार तेरे सम्मुख भी घास देंगे। जगह मिलने पर पास देंगे।। #Poetry #Quotes #Politics #kavita #hindikavita #hindipoetry