#एक बार फिर "राजमन कठिन चितान तै , चिन्ता को चित चैत । चिता दहति निर्जीव को , चिन्ता जीव समेत ॥" हे मन तू चिन्ता के बारे में सोच , जो चिता से भी भयंकर है । क्योंकि चिता तो निर्जीव ( मरे हुए को ) जलाती है , किन्तु चिन्ता तो सजीव को ही जलाती है । FOLLOW FAST instagram:-@motivation_only07 #DIPRETION @motivation_only07 Ritika Suryavanshi shivani