सनम की बेवफाई से, कहो जीना छोड़ दूँ क्या ? किया रुसवा मोहब्बत को, कहो जीना छोड़ दूँ क्या ? तनहा छोड़कर मुझको गये ईमान था उनका, अब इस तनहाई में अपनी, कहो जीना छोड़ दूँ क्या ? @विभूति गोण्डवी