ए-चाँद सुबह से भूखी प्यासी वो तेरे इंतेज़ार में थी... सुबह से भूखी प्यासी वो तेरे इंतेज़ार में थी... उसका चांद तो सरहद पे दूसरों के चांदो की हिफाज़त में लगा हुआ रहता है ए-चाँद सुबह से भूखी प्यासी वो तेरे इंतेज़ार में थी... सुबह से भूखी प्यासी वो तेरे इंतेज़ार में थी... उसका चांद तो सरहद पे दूसरों के चांदो की हिफाज़त में लगा हुआ रहता है #chaand