हवाओं में हैं शोखियां , बरस रही शबनम भी है अधरों पर मुस्कुराहटें तो आँखें थोड़ी नम भी है इलज़ाम ना देंगे तुझे कभी हम बेवफाई का बेइन्तहां मोहब्बत के गुनेहगार हम भी हैं लाखों हैं हसीं बाज़ार में और इस बाज़ार में जो जख्म तूने हैं दिए उन जख्मों के मरहम भी हैं बहुत गुरुर हैं ना ऐ आसमां तुझे अपनी ऊंचाई पर ज़मीन पे ला के रख दूंगा बाजुओं में दम भी है। आओ मैखाने में मेरे गर ठेस पहुची हो कभी सारे ग़म भूल जाओगे यहाँ व्हिस्की है और रम भी है। #air #nojoto #poetry 😇