माँ का आँचल बच्चे आंगन में नृत्य करते हैं मां के पीछे दौड़ दौड़ कर रूठते हैं ज़िद्दीयाते हैं.... मां का वक्त भी जाया करते हैं मां के आंचल की छांव में बच्चे खेल- खेल में हंसते हैं... संस्कारों की धरोहर है वह मां जो घर को मंदिर बनाती है बच्चों को जन्म देकर ... एक सुंदर इतिहास जो रचती है जन्म लिया जिसने जगत में वह मां के ऋणी होते है ....