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मैं चलता रहा हूँ अंधेरे में शायद, कोई साथी तो मुझ

मैं चलता रहा हूँ अंधेरे में शायद, 
कोई साथी तो मुझ को मिल जाएगा 
मैं हारा नहीं था नाकामियों से 
मंजिल का किनारा भी मिल जाएगा 

गुपचुप सा मैं चलता रहा हर पथ पर 
अब कोई सहारा तो मिल जाएगा  ।




.......jassal amarjit #Love #Life #story #de
मैं चलता रहा हूँ अंधेरे में शायद, 
कोई साथी तो मुझ को मिल जाएगा 
मैं हारा नहीं था नाकामियों से 
मंजिल का किनारा भी मिल जाएगा 

गुपचुप सा मैं चलता रहा हर पथ पर 
अब कोई सहारा तो मिल जाएगा  ।




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