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,,जैसे आजाद हुआ पंछी,गुलामी की जंजीरो से,जैसे नुतन

,,जैसे आजाद हुआ पंछी,गुलामी की जंजीरो से,जैसे नुतन उडाने सिख रहा हो,नुतन द्विज नभमडंल में,,omj पराधीन सपनेहुँ सुख नाहिं,,,,,,,,,,,,,,,,,गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा अंकित पंक्ति रामबाण सी है,, यह हमे ,,,,हम पंछी उन्मुक्त गगन के,पिंझड़ बंद ना गा पायेगे,,,,,,का शत प्रतिशत बिम्बार्पण है,,,,,जो आजादी को स्वर्ग कहता है,,,
,,जैसे आजाद हुआ पंछी,गुलामी की जंजीरो से,जैसे नुतन उडाने सिख रहा हो,नुतन द्विज नभमडंल में,,omj पराधीन सपनेहुँ सुख नाहिं,,,,,,,,,,,,,,,,,गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा अंकित पंक्ति रामबाण सी है,, यह हमे ,,,,हम पंछी उन्मुक्त गगन के,पिंझड़ बंद ना गा पायेगे,,,,,,का शत प्रतिशत बिम्बार्पण है,,,,,जो आजादी को स्वर्ग कहता है,,,

पराधीन सपनेहुँ सुख नाहिं,,,,,,,,,,,,,,,,,गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा अंकित पंक्ति रामबाण सी है,, यह हमे ,,,,हम पंछी उन्मुक्त गगन के,पिंझड़ बंद ना गा पायेगे,,,,,,का शत प्रतिशत बिम्बार्पण है,,,,,जो आजादी को स्वर्ग कहता है,,,