पिरोता हूं जस्बातों को अल्फाजों में,
कुछ मीठी यादें बातों में,
लम्हे दर्द के ताबूतों में,
कोशिश करता हूं,
बयान करूं खुद को हर हालातों में,
कहते मुझको कवि कभी ,और कभी कहते शायर
पर मैं तो होता हूं,
कभी तेरे कभी मेरे अल्फाजों में #tum#Mai#Shayar#kavi#jasbaat#alfaaj#kalakasha