अब क्या गिला, कैसी शिकायत अब क्या सज़ा और कैसी रियायत दिल के बदले मिलता दिल, पर ये सौदा पूरा न हुआ नादाँ दिल हमारा यूँ सरे बाज़ार चोरी हुआ न मेरी फ़रियाद सुनी गई, न उसकी गिरफ्तारी हुई मुक़दमा भी मुझपे चला और सज़ा भी मुझे ही हुई न उसका साथ, न मुझे मेरा दिल वापस मिलेगा चाहना होगा उसे उम्र भर और तन्हाई का इनाम मिलेगा इतना सब सह कर भी, अपनी मुस्कान में दर्द छुपाता हूँ जब भी इन यादोंका दरवाज़ा खुले, मैं अनजान बन जाता हूँ #गिला #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #hindipoetry #hindishayari #love #onesidedlove #pain Collaborating with YourQuote Didi Read my thoughts on @YourQuoteApp