तू समुद्र, मैं साहिल सा सूखा पड़ा तेरी लहरें नहीं आतीं इस मोड़ तक मैं घर के आँगन में बैठा हुँ बीमार सा तू तारों में ढूंढें उसे चाँद तक तेरी राहों में पड़ा क्या कोई कंकड़ हुँ मैं जिसे तू ठोकर मारे यूं शाम तक तेरी रात अँधेरे की मैं रौशनी और तू याद करती किसी और को आज तक - Devansh Rajpoot #ghazal #hindighazal #urdughazal #poetry #poem #poet #hindipoetry