नादान समझती थी इस इश्क को, ठुकराया कई बार इसे। तुमसे मिलीं तो लगा यूहीं एक बार मोहब्बत कर ही लूं, अजीब सी महक थी उस दिन हवाओं में, जेसे कहीं सूरज को छिपाए बादल अचानक बरसने लगे हों। समझ ना सकी उन बादलों का इशारा में बरसातों में इश्क खोजती रही और वो मुझे आनेवाला अंधेरा दिखाते रहे। #hindi #love #hindiwriting #poetry #heartbreak #नादान