ये जो हम को इस वक़्त सुनायी जा रही है ये कहानी मनघडंत ही बनायीं जा रही है क्यों मुझे सब कुछ ठीक ठीक दिख रहा है क्या बात है जो मुझसे छुपायी जा रही है क्या गज़ब मैं देख रहा हूं अपनी आँखों से मेरे सामने ही मेरी मय्यत उठायी जा रही है हमें मरने की ख्वाहिश है ये जानते हुए भी हमें ज़िन्दगी की क़ीमत बतायी जा रही है ज़मीर बिक रहा है धड़ल्ले से दुनिया में अब तो ईमान की बोली लगायी जा रही है चाक पर रख कर, मिट्टी से बने इंसान की फ़िर दोबारा से मिट्टी बनायी जा रही है लगता है फ़िर किसी ने दरिंदगी दिखायी है चौक पर फिर मोमबत्ती जलायी जा रही है -Saad Ahmad #shyari #Vow #Hindishayari #Dhage #PehleAlfaz #love #कविता