यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पंजाब के भी सैकड़ों युवा वहां फंस गए हैं वह वहां से कॉल कर कर और वीडियो भेज कर अपने अभिभावकों को जिस तरह की हालत की जानकारी दे रहे हैं उससे किसी भी माता का चिंतित होना स्वाभाविक है यूक्रेन में जब दिन-रात धमाके हो रहे हैं तब किसी भी सरकार के लिए अपने देश के नागरिकों को वहां से निकाल पाना आसान काम नहीं है इसके साथ ही वहां स्थिति भारतीय दूतावास के अधिकारियों के लिए भी अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित जगह पहुंचा पाना बहुत बड़ी चुनौती है इस बीच कुछ राजनीतिक दल इस तरह की बयानबाजी भी करने लगे हैं भारत सरकार को अपने देश के युवाओं को वहां से पहले ही निकाल लेना चाहिए था ऐसे समय में इस तरह की बयानबाजी को उचित नहीं कहा जा सकता यूक्रेन में फंसे युवाओं की मुश्किल और उनके अभिभावकों की चिंता को समझा जा सकता लेकिन जिस तरह की विषम परिस्थिति पैदा हुई है उसे देखते हुए हर किसी को एक संयम का परिचय देना चाहिए खासकर जब भारत सरकार यह घोषणा कर चुकी है कि युवाओं को लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और सरकार अपने खर्च पर सभी को शोधन लाएगी इस किसी भी तरह क्या ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए जिससे अवसर तरफ मोहल्ला पैदा हो मूल मुश्किल हालात में तो राजनीति की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है उम्मीद की जाती है ©Ek villain #संयम की आवश्यकता #Nofear