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टूटे हुए पत्तों को हरे होते देखा है, चाँद को खामो

टूटे हुए पत्तों को हरे होते  देखा है,
चाँद को खामोश रहते देखा है
सुना है, हो गये है वो किसी और मंजिल के मुसाफ़िर
कल तक तो,  इन्ही गलियों मेंभटकते देखा है
-Akash tehriya #khamosh_chand
टूटे हुए पत्तों को हरे होते  देखा है,
चाँद को खामोश रहते देखा है
सुना है, हो गये है वो किसी और मंजिल के मुसाफ़िर
कल तक तो,  इन्ही गलियों मेंभटकते देखा है
-Akash tehriya #khamosh_chand