स्वच्छंद ख्वाब बनके, एक डोर जैसे तन के, लहरों सा फिर उफन के, हर आस तुम जगा लो, ऐसे ना मुझको देखो "अब गले से लगालो" । ❤️ Lovely poetry ❤️ #Happy_Hug_Day #yqhindi #nojotohindi