ताजमहल की मोटी आमद से जेबें अपनी ख़खाखच भरकर, वो मुग़लिया सलतनत को कोसते रहे। इल्ज़ाम बीमारी का सिर पर जमात के रखकर, वो बेशर्मी से सियायत अपनी चमकाते रहे। अकरम रज़ा खान सियासत मज़हब से नहीं मुद्दों से होती है। #Nojoto #nojotonews #nojotoshayari #nojotourdu #nojotohindi //sweta_dankhara_11//