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इक लड़का दीवाना मेरा मुझको बुलाए पागल लड़की आरिज़

इक  लड़का  दीवाना  मेरा मुझको बुलाए पागल लड़की
आरिज़  पे रख कर हाथों को कहता हाए पागल लडक़ी

काँच की  चूड़ी  ,लम्बे झुमके लाता  अकसर मेरे ख़ातिर
हाथ छुपा के कहता है बता हम क्या लाए पागल लड़की

मैं अकसर  शरमाती हूँ  जब भी मिलती हूँ  उस लड़के से
वो  हँसते-हँसते  कहता  कितना  शरमाए  पागल लड़की

मैं   उसके   सीने   से  लगकर   रो   देती  हूँ  बच्चों  जैसे
तब  कहता मैं  हूँ  ना फिर तू क्यों घबराए पागल लड़की

टाई-वाई   छोड़  के,  अकसर  कुर्ते  में  आया   करता है
फिर कहता  चल  इक-दूजे में गुम हो जाए पागल लड़की

टूटा दिल, उजड़ी बस्ती, जुगनू ,तितली  छोड़ो, ये  देखो
शेर ,ग़ज़ल को इक-दूजे का इश्क बताए पागल लड़की पागल लड़की...
इक  लड़का  दीवाना  मेरा मुझको बुलाए पागल लड़की
आरिज़  पे रख कर हाथों को कहता हाए पागल लडक़ी

काँच की  चूड़ी  ,लम्बे झुमके लाता  अकसर मेरे ख़ातिर
हाथ छुपा के कहता है बता हम क्या लाए पागल लड़की

मैं अकसर  शरमाती हूँ  जब भी मिलती हूँ  उस लड़के से
वो  हँसते-हँसते  कहता  कितना  शरमाए  पागल लड़की

मैं   उसके   सीने   से  लगकर   रो   देती  हूँ  बच्चों  जैसे
तब  कहता मैं  हूँ  ना फिर तू क्यों घबराए पागल लड़की

टाई-वाई   छोड़  के,  अकसर  कुर्ते  में  आया   करता है
फिर कहता  चल  इक-दूजे में गुम हो जाए पागल लड़की

टूटा दिल, उजड़ी बस्ती, जुगनू ,तितली  छोड़ो, ये  देखो
शेर ,ग़ज़ल को इक-दूजे का इश्क बताए पागल लड़की पागल लड़की...
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पागल लड़की...