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लाखो दीवानों ने गर्दन कटवाई थी सच कहता हूं तब आजा

लाखो दीवानों ने गर्दन कटवाई थी 
सच कहता हूं तब आजादी आयी थी
सबसे पहले ऋषि ने पावक सुलगाई थी 
सबने ज्योति दयाननद से पाई थी 
सच कहता हूं तब ही आजादी आई थी
लाखो दीवानों ने गर्दन कटवाई थी 
सच कहता हूं तब आजादी आयी थी
सबसे पहले ऋषि ने पावक सुलगाई थी 
सबने ज्योति दयाननद से पाई थी 
सच कहता हूं तब ही आजादी आई थी
vipinarya2557

Vipin Arya

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