बेहिसाब सवालों में उलझ कर रह गई जिंदगी, अपनों के ब
"बेहिसाब सवालों में उलझ कर रह गई जिंदगी,
अपनों के बुने जाल में उलझ कर रह गई जिंदगी,
आज भी जवाब ढूंढता हूं कि मैं कौन हूं,
इन्ही सवालों में एक सवाल बनकर रह गई जिंदगी..."
बेहिसाब सवालों में उलझ कर रह गई जिंदगी,
अपनों के बुने जाल में उलझ कर रह गई जिंदगी,
आज भी जवाब ढूंढता हूं कि मैं कौन हूं,
इन्ही सवालों में एक सवाल बनकर रह गई जिंदगी...