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दुआ -ए- उम्र की तासीर समझ बैठा था, राह की ख़ाक को ज

दुआ -ए- उम्र की तासीर समझ बैठा था,
राह की ख़ाक को जागीर समझ बैठा था
वो तो बस झूठ से तामीर कहानी निकला,
मैं जिसे ख़्वाब की ताबीर समझ बैठा था #thesecondthought

एक ग़लत फ़ैसला ज़िन्दगी को जहन्नुम बना सकता है, मगर फ़ैसला ग़लत है या सही ये बताएगा कौन??
दुआ -ए- उम्र की तासीर समझ बैठा था,
राह की ख़ाक को जागीर समझ बैठा था
वो तो बस झूठ से तामीर कहानी निकला,
मैं जिसे ख़्वाब की ताबीर समझ बैठा था #thesecondthought

एक ग़लत फ़ैसला ज़िन्दगी को जहन्नुम बना सकता है, मगर फ़ैसला ग़लत है या सही ये बताएगा कौन??

#thesecondthought एक ग़लत फ़ैसला ज़िन्दगी को जहन्नुम बना सकता है, मगर फ़ैसला ग़लत है या सही ये बताएगा कौन??