साँझ हर सांझ एक नई उम्मीद दे जाती है की नई सुबह से जीवन की नई शुरुआत हो जाती है, चांदनी की फिक्र होती है, सूरज को इसलिए सांझ छोड़ जाती है हर #सांझ एक नई #उम्मीद दे जाती है की नई #सुबह से #जीवन की नई #शुरुआत हो जाती है, #चांदनी की फिक्र होती है, #सूरज को इसलिए सांझ छोड़ जाती है #sagarpal151295