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मेरी पसंदीदा याद हैं। जब मेरे पिता अपने हाथों पर ग

मेरी पसंदीदा याद हैं। जब मेरे पिता अपने हाथों पर गिनती जोड़ _बाकी गुणा _भाग यां कोई शब्द बनाना
लिखना सिखाते थे। जब मैं उनके हाथों पर लिखती थी। और जब कोई गलत लिख लेती थी। तब अपने छोटे छोटे हाथों से उनके हाथों पर से मिटाया करती थी। मानो पिता का हाथ स्लेट और मेरी ऊंगली स्लेट पैंसिल का काम करतीं थीं। और यादें बहुत सारी हैं बचपन की पर एक याद यह भीं है जब मेरे हाथों में मेंहदी लगी होती थी तब किसी की नज़र ना लगे कहकर थुथकारा करते थे। और गोद में बिठा कर अपने हाथों से खाना खिलाते थे। अब तो यादें ही है।

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #मेरीयादें आपकी पसंदीदा यादें कोनसीहैं
#बचपन_की_यादें  ram singh yadav Sakshi Dhingra  Ankita Tantuway R K Mishra " सूर्य " Internet Jockey Mल्लिका
मेरी पसंदीदा याद हैं। जब मेरे पिता अपने हाथों पर गिनती जोड़ _बाकी गुणा _भाग यां कोई शब्द बनाना
लिखना सिखाते थे। जब मैं उनके हाथों पर लिखती थी। और जब कोई गलत लिख लेती थी। तब अपने छोटे छोटे हाथों से उनके हाथों पर से मिटाया करती थी। मानो पिता का हाथ स्लेट और मेरी ऊंगली स्लेट पैंसिल का काम करतीं थीं। और यादें बहुत सारी हैं बचपन की पर एक याद यह भीं है जब मेरे हाथों में मेंहदी लगी होती थी तब किसी की नज़र ना लगे कहकर थुथकारा करते थे। और गोद में बिठा कर अपने हाथों से खाना खिलाते थे। अब तो यादें ही है।

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #मेरीयादें आपकी पसंदीदा यादें कोनसीहैं
#बचपन_की_यादें  ram singh yadav Sakshi Dhingra  Ankita Tantuway R K Mishra " सूर्य " Internet Jockey Mल्लिका