वो नूर -ऐ -हुस्न है तू नूर -ऐ - फन. वो चन्दन की लकड़ी है तू काँटों का वन. ऐ आशिक छोड़ दे रास्ता उसका. बो बनारस की साड़ी है तू मुर्दे का कफन किसी और की महबूबा को ताकने वालों के लिए Bhawana Mehra