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प्रेम नही परिभाषित होता, यह तो पलता दिलों में है.!

प्रेम नही परिभाषित होता,
यह तो पलता दिलों में है.!
धड़कन दिल की कह देती है,
दिल से किसका रिश्ता है.!
दिल से दिल के तार जुड़े,
हर हाल पता चल जाता है.!
धड़कन से मिल जाए धड़कन,
सांसे एक हो जाता है.!!
#अजय57
प्रेम नही परिभाषित होता,
यह तो पलता दिलों में है.!
धड़कन दिल की कह देती है,
दिल से किसका रिश्ता है.!
दिल से दिल के तार जुड़े,
हर हाल पता चल जाता है.!
धड़कन से मिल जाए धड़कन,
सांसे एक हो जाता है.!!
#अजय57