मुश्किल घड़ी और दोस्त मेरे दोस्तों की महफ़िल का अजब नज़ारा, डूबा भी देते हैं कमिने फिर ख़ुद ही सहारा,, दुनिया इन्हीं से इनके बिन कुछ नहीं गवारा, गाली दे के बुलाते हैं कोई और दे पिटेगा बेचारा,, मुश्किल भी ख़ुद ही हैं साले और मुश्किलों का सहारा, जिनके भी ऐसे दोस्त हो, दुश्मनों से जीता, ख़ुद से हारा.. #Dost #sahara #mushkil #December #Yaari