"विनती" सुन लो विनति हे प्रभु ,दे दो हमे अब सहारा, इस मुसीबत से निकलने का दिखा दो कोई किनारा। बेबसी और लाचारी में, हैं खड़े सब दर पर तेरे, थाम लो ये हाथ और दे दो हमे अब उजियारा। है ज़रूरत तेरी दया दृष्टि की, ओ जगत के पालन हारे, है भरोसा तुझपर ही हमको ये घड़ी जल्द कट जाएगी। तेरी कृपा हो गई अगर तो , नई सुबह फिर आएगी, फिर से गूंजेगी ये धरती हँसी और किलकारी से। ©puja kashyap #SunSet