बहुत पहले मुझे अच्छे से तो याद नहीं पर मैं जब ७ साल की थी तो दादी के साथ इक मेले में गई थी, और उस मेले में बहुत ही ज्यादा भिड़ था, उस भिड़ की धक्कम-धक्का में मेरा हाथ दादी के हाथ से छूट गया और मैं गुम गईं।। मैं उस भिड़ में दादी को बहुत ढूंढी पर वो मुझे नहीं मिली, मैं डर गई रोने लगी और वही अचानक इक १० साल का इक लड़का आया मेरा हाथ पकड़ कर सामने की मंदिर में ले आया शायद वो मेला उसी के गांव में लगा था इसलिए वो उस जगह को अच्छे से जानता था, उसने मंदिर के पास इसलिए लाया था क्यूंकि वहां से बजने की आवाजें आ रही थी, और उस मंदिर के पुजारी उसके दादा थे और वो उस वक्त मंदिर में ही थे, वो मेरा नाम announcement करवाने के लिए वहां लाया था ताकि मेरे परिजन मुझे आ कर ले जाएं।। बाकी वहां मंदिर के सीढ़ियों पर मेरी दादी पहले से ही बैठी रो रही थी।। शायद वो मुझे ढुंढ कर काफी थक गई थी, वो इतना ही घबरा गई थी कि किसी से कुछ कह भी नहीं पा रहीं थी।। मुझे जैसे ही देखा दादी ने गले से लगाया और गोद में उठाया और भिड के रास्ते को बदल कर सीधे घर आ गईं।। बाकी अब मैं बड़ी हो गई हूं और वो लड़का मुझे फिर कभी नहीं मिला और ना ही मैं कभी उस मेले में दोबारा गई।। ©$Mahi..🙂 pta nahi par maine ye khani kyu sunayi bs dil kiya aur keh dia aapsabse🌸🌸 #aehsasemahi #hidesmiley #nojohindi #Nojoto #fb #insta #YourQuotes #PoetInYou