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मरीज-ए-इश्क है तो दवा-ए-दिल समझ महबूब को फिर मर्ज

मरीज-ए-इश्क है तो दवा-ए-दिल समझ महबूब को

फिर मर्ज जाने दवा जाने, शिफा जाने, खुदा जाने
मरीज-ए-इश्क है तो दवा-ए-दिल समझ महबूब को

फिर मर्ज जाने दवा जाने, शिफा जाने, खुदा जाने