मुक़द्दर मेरा मुझसे ही अब मिलता जा रहा है
मेरा दुश्मन ही अब मेरा दोस्त बना जा रहा है।।
वो अंजान रास्तो पे हमेशा ऐसे ही चला है
मुश्किल हालातो पे हमेशा ही हंसता रहा है।।
रूखा बदन सूखा भजन वो किस्मत का मारा
हर पल अपनी ज़िंदगी को कोसता जा रहा है।। #Poetry#Lie#kavishala#nojotohindi#akib#hindinama#nojoto_jaipur#HindiKhabri