अब एक और कहानी खत्म हुई, अल्फ़ाज़ पुराने , शक़्ल देखकर हैरानी हुई।। तुम जो कहते थे, हाथ ना छोड़ेंगे , मंजिल नई जो मिली तो , राह ये पुरानी हुई।।