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नादान थी वो ओस की बूंद भी माटी से अपनी मोहब्बत में

नादान थी वो ओस की बूंद भी
माटी से अपनी मोहब्बत में कुर्बान हो गयी।
भूल गयी कि मिट्टी के ना जाने कितने आशिक़ है यहाँ
जब मिली मिट्टी से तो हमेशा के लिए धरती की मेहमान हो गयी।
#काफ़िर #gif बून्द #nojoto #nojotopoetry
नादान थी वो ओस की बूंद भी
माटी से अपनी मोहब्बत में कुर्बान हो गयी।
भूल गयी कि मिट्टी के ना जाने कितने आशिक़ है यहाँ
जब मिली मिट्टी से तो हमेशा के लिए धरती की मेहमान हो गयी।
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