बचपन और शैतानी बचपन की एक बात आपके साथ शेयर करना चाहूंगा कि अक्सर गर्मियों की छुट्टियों में मेरे दोस्त के पापा का फॉर्म हाउस था हम अधिकतर समय वही बिताते थे उसमें कुछ शहतूत के पेड़ थे मुझको आज भी याद आता है कि हम उन शहतूत के पेड़ों पर चढ़ जाते थे और शहतूत तोड़ते थे और हमारे बीच में होड़ लगी होती थी कि सबसे ज्यादा शहतूत कौन तोड़ेगा इस तरह की होड़ लगी होती थी और एक मजे की बात और बताता हूं शहतूत तोड़कर के हम लोग उसको साफ करके पानी से कटोरी में या बाउल में फ्रिज में रख देते थे ऊपर फ्रिजर में और फिर क्रिकेट खेलने लग जाते शहतूत खाने इतनी जल्दी होती थी हर दो-दो मिनट के बाद हम फ्रिज को खोल के देखते थे कि शहतूत ठंडे हुए या नहीं और एक मजे की बात बताऊं आज तक हम एक भी शहतूत ठंडा नहीं खा पाए जब भी फ्रिज को खोलने जाते दो शहतूत खा लेते तो ठंडे तो तब होंगे ना जब उसको छोड़ेंगे उसमें तो यह बचपन की बात मैं अभी भी याद करता हूं तो मुझे हंसी आ जाती है शहतूत के पेड़....#bobby_sadeyes #memories #friendship #bachpan #POD