अधुरे लम्हों की पुरी बातें कैसे कटेगी बाकी दो चार रातें आख़री सफ़र में,टुटा कोई जुटा सा ख्वाब हमसफ़र वहीं हमराह का बने हर जवाब हो निशानी आख़री सांस की हमनवा बिदा करे हाथों में हाथ डाल कर बातें करें माथे को चूम कर, बांहों में भरे #Nojotohindi