तुमने चाहा तुमने छोड़ा, वो तक़्दीर भी अपनी थी, तुमने सजायी, तुमने तोड़ी, वो तस्वीर भी अपनी थी । जो मिटी नहीं किस्मत से मेरे, वो लकीर भी अपनी थी, लिख कर गा देता हूं जो मैं, वो पीर भी अपनी थी । लो भुला दी हमने हर हसरत, लो मिटा दी यादें सब हद तक, जिसमे बंधा हूँ मैं कसमों से, वो जंजीर भी अपनी थी । मत पूछो अब कैसे जीते, देखो आकर रोज हैं मरते, कैसे तुझको मैं दोषी कह दूँ, तुमसे प्रीत भी अपनी थी । आ जाओ हम फिर मिलते हैं, उन राहों पर फिर चलते हैं, जिन सपनों को हमने छोड़ा, वो मंजिल भी अपनी थी । जो मिटी नहीं किस्मत से मेरे, वो लकीर भी अपनी थी, लिख कर गा देता हूं जो मैं, वो पीर भी अपनी थी । #spark #Guru_Ji #teri_yadein shadow😎girl sheetal pandya मेरे शब्द