आसमा से अपने हक में शायद ये बलाये मांगती हैं। इन्साफ करने वाली कौम अब फरयादे मांगती हैं। कहा गए वो खालिद बिन वलिद'इब्ने खत्ताब । शहादत मागंने वाली कौम अब दुवाये मागंती हैं।