ज़िन्दगी भर दर्द सहता रहा,,करके मोहब्बत बरसात से किनारा कहता रहा. करि ईबादत थी जिस तस्वीर की आँखों ने,,जलती देख उसको आँखों से रक्त बहता रहा. हर एक याद का बोझ बहुत था,,आता हर एक ख़्वाब उसकी याद का बन के पहाड़ दिल पे पड़ा रहा. छोड़ गया साया वजूद रोशनी में,,अंधेरा आते ही साथ जाता रहा. बुनता रहा परिंदा तिनका तिनका लिए एक घोंसला,,आई पतझड़ तो सूखा पत्ता देख चमकते जुगनू को जलने से घबराता रहा. बडी कहर की तपिश है इश्क़ की आग में,,आँखों ही आँखों में प्यार पानी को जलाता रहा. #love#december#nojotohindi#nojotonews#hindishayari#punjabishayari#urdushayari#poetry#quoted (आँखों ही आँखों में प्यार)-(Tittle-किनारा)