हाथ मिलाने से रिश्ते नहीं बनते, आजकल कोई अपने जैसे नहीं मिलते, आमदा हूँ इस जहाँ में तेरी नवाज़िश से, तेरे पयाम के खातिर फरिश्ते नहीं मिलते, है वो फ़ाख़िर जमाने में अब इतने, किसी से पहले जैसे नहीं मिलते, नकस हो गये है आजकल के रिश्ते, फिर भी इनके भाव नही मिलते, ✍️रंजीत कुमार नवाज़िश - कृपा से, फ़ाख़िर - अभिमानी, नकस - मूल्यहीन #nojoto #nojotohindi #love #jindagi #pyar#