कृपा हो जिन पर नन्दकुंवर की,उनको मिलता प्रेम दुलार। मंगल जीवन सरस सुहावन,मन में विचरे स्वच्छ विचार।। कृष्ण प्रेम में मन विचरे जब,गोपालक बन जाता हूँ। कृष्ण की उन गइयों से प्रेममय, अमृत कण पा जाता हूँ।। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #कृष्ण #गौमाता #ऋतुराज_पपनै_क्षितिज