A Dream अब सब सपने बस यादें बन जायेंगे , ज़िंदगी की डोर में पता नही हम , कब संवर पायेंगे । इल्जामों को बोझ तो खूब ले लिया है सिर पर हमने , लेकिन पता नही उनके बिन कैसे रह पायेंगे । समझाना चाहा हमने , कई बार उनको खुद का ईगो और गुस्सा उन्हें बहुत दूर ले गया , हमारा इश्क़ फरेब ओर खुद का मज़बूत कह गया । कहां गए थे वो जब हम प्यार जताया करते थे, बार बार चिल्लाया करते थे, रोते थे , कम सोते थे , औऱ हार जाया करते थे । आज सब कुछ छोड़ जा रहे है , इश्क़ योगेश का ना तुम्हे समझा रहे है , कसम है तुम्हे मत करना पीछा हमारा , तुम्हारी यादों के साथ खुद को दफना रहे है ।। - योगेश खातोदिया अब जाना होगा - योगेश खातोदिया